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true companion
True Companion
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I feel good To see the red sun dipping in the
evening and when all the birds are made a queue, and they pass by the dawning sun.
That view really makes me very relaxed.
And do not know how you suddenly come to me,
Although I just mention you.
But whatever happens, I tell you all the small
small things of the day . And
in talks Don't know about when night it happens
Then I don't know the people well. Perhaps for this reason I often get cheated. And then she
sees me sad and comes closer to me and she understoods me that , That
person who left your company now and gone, How will she become your companion in the future.
So do not make your heart small for that, which do not
respect your.
And the thing
about her When time comes, someone will be leave her .
Along with changing times, the person also changes his
circumstances. And something like that happened to me, After I was separated
from him, I realized that companion I was looking in the stranger's peoples ,
actually I found that partner in you (a bit confused and a bit worried about
me) ...
Now my life has become silent, like the evening
It feels good, looking at the sun while dipping in the
evening, and whenever I remember you, baby, you come near me to hear my talk
with that old smile .
Even in the bright sunlight of the day,
You become the shadow of afternoon.
You come
close to me, Dear
सच्चा साथी
मुझे आछा लगता है , शाम के वक़्त डुबते हुए लाल सूरज को देखना और जब सारे परिंदे एक कतार बनाए हुए,
उस डुबते हुए सूरज के पास से गुज़रते है.
वो नज़ारा सच में बहुत सुकून देता है मुझे.
और ना जाने तू अचानक से मेरे पास कैसे आ जाती
है, हालांकि मैं तेरा सिर्फ जिक्र ही करता
हु.
पर जो भी हो , मैं दिन भर की सारी छोटी छोटी बात
तुझे बताता हु . और बातो ही बातो में न जाने
रात कब हो जाती थी, पता ही नही चलता था.
तब मैं लोगों को अच्छी तरह से नहीं जानता था. सायद
इसी वजह से मुझे अक्सर धोखा मिला . और फिर वो मुझे उदास देख कर मेरे करीब आती और
यही समझती है की . वो इंसान जिसने तेरा साथ अभी
छोड़ दिया और चला गया , वो भला आने वाले
वक़्त में तेरी साथी क्या बनेगी.
इसलिए तू उसके लिए अपना दिल छोटा मत कर, जिसे तेरी कदर ही नही है .
और रही बात उसकी , वक़्त आने पर कोई उसका भी साथ छोड़
देगा.
बदलते वक़्त के साथ-साथ इंसान को उसके हालात भी बदल
देते है. और ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ, उसके अलग होने के बाद मुझे एहसास हुआ की
, जिस साथी को मैं अजनबी लोगो में ढूंढ रहा था, असल मैं वो साथी मुझे तेरे अन्दर मिला ( थोडा खमूश
और थोडा मेरी फ़िक्र करने वाला )…
अब ज़िन्दगी कुछ खामोश सी हो गयी है, शाम की तरह.
आछा लगता है , शाम के वक़्त डुबते हुए सूरज को देखना
, और जब भी मैं तुझे याद करता हु , सनम तू उसी पुरानी मुश्कान के साथ मेरी बातो को
सुनने मेरे करीब आ जाती है.
दिन
की तेज़ धुप में भी तू,
दोपहर के
छाओ बन जाती है.
हर
बुरे वक़्त में भी तू ,
मेरी
साथी बन जाती है.
चाहे तू कही भी रहे,
पर
मेरे याद करते ही तू ,
मेरे करीब आ जाती है सनम.
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